पेशे से इंजीनियर सत्येन्द्र भाई मस्त मौला इंसान हैं। ्मध्य प्रदेश के गुना में रहते हैं…खरी खरी कहते हैं और खोटी के एवज़ में ठहाके लगाते हैं। कभी बड़ी शानदार कवितायें लिखी फिर पता नही क्यों छोड़ दीं। पढ़ते अब भी खूब हैं पर कलम से मानो दुश्मनी हो गयी। कविता के अद्भुत पारखी।
उम्मीद है हम दोस्तों की महफ़िल में गूंजने वाली खरी खरी अब आप सब तक पहुंचेगी।
आपका
अशोक कुमार पाण्डेय